हर बच्चा दुनिया में
पासपोर्ट लेकर ही आता है
तो उस बच्चे के हाथ में क्या था
जो कल तक जिंदा था
आज मरा हुआ सड़क किनारे पड़ा है ?
जाड़े की सुबह और छह का वक्त था
एक पोटली सड़क किनारे
जिंदगी और मौत का रहस्य लिए पड़ी थी ।
रहस्य वह क्या था
वह कोई छोटी सी बच्ची थी
या कोई युवती मास्टरनी थी
जो उसकी माँ थी ?
दो दिल मिले कहीं, खिले कहीं
जाड़े में, गर्मी या बरसात में
देखा है दुनिया ने, ऐसा भी हुआ है
कि कोई भी नौजवान आँखों से ही बताता है
कि वह इस गली में क्यों आता है ?
फिर देखते रहे निरपेक्ष दर्शक से
आनंद लूटते, मजाक करते या हँसते आदमी से
पूछता हूँ---
माँ नहीं थी वह जिसने इसे पैदा किया
लेकिन तुम किस मुँह से कहते हो
माँ हो, बाप हो
कल की जिंदगी आज जो मौत बनी
इस पाप का भागी कौन कौन है ?
छोटा सा बच्चा वह
एकदम सफेद
गले पर उंगलियों के निशान किसके हैं ?
छुरे से काटा जब पोटली को नाई ने
तो बच्चे की नाभि गीली थी
अंग प्रत्यंग गीला था
आकार ले रहा था
मैं एक कवि हूँ, एक क्रांतिकारी हूँ
जानता हूँ कल जब बच्चा वह बड़ा होता
मेरा ही साथी होता
हाथ मिलाता उससे- कल्पना करके ही
हाथों में पसीना आया
देखा मैंने विराट एक जुलूस चला आ रहा है
मज़ार के सामने बच्चा वह पड़ा है
और वह नाई जो आज है दाई बगल में खड़ा है
जुलूस ठहर गया मुद्दे भूल गए
बच्चा वह प्रश्न चिन्ह बनकर उछल गया
एक एक चेहरे पर
बच्चा वह भूत है या कि कुपूत है
लेकिन एक सवाल है
जो हमसे आपसे और देश के कर्णधारों से
जवाब माँगता है ।
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