पहले मुनिरका में इतने बहुमंजिला मकान नहीं थे, न ही गलियाँ इतनी सँकरी थीं । एक मित्र को टहलते हुए शंका हुई कि यदि किसी मकान में आग लग गई तो बुझाई कैसे जाएगी ।
विचार करते हुए उन्होंने पाया कि भूकंप में तो फिर भी मकान गलबँहिया डाले खड़े रहेंगे लेकिन आग लगने पर जमीन के रास्ते कोई भी वाहन पहुँचना असंभव है । निदान हेलिकाप्टर से अग्निशमन के गोले गिराये जा सकते हैं । लेकिन हवा के कारण उनकी गैस भी बहुत असरकारी न होगी ।
‘हे प्रतियोगी परीक्षा के दसियों हजार पुरुषार्थी योद्धाओ ! आप सबको इसी खौफ़ के साथ अपनी उम्र निराशा की आयुसीमा तक बितानी होगी । ‘ ऐसा कहकर परमेश्वर अदृश्य हुए । इसे भविष्यवाणी भी कहा जा सकता है क्योंकि आकाशवाणी तो रेडियो स्टेशन का नाम है ।
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