Saturday, May 27, 2017

मार्क्सवाद के मूल पाठ

             
                                 

मार्क्सवाद को समझने के लिए सबसे पहला और बेहतरीन बुनियादी पाठ अब भीकम्यूनिस्ट पार्टी का घोषणापत्रहै । मार्क्सवादी दर्शन को समझने के लिए एंगेल्स कीलुडविग फ़ायरबाख और क्लासिकल जर्मन दर्शन का अंतरोचक किताब है । इसमें दर्शनशास्त्र के बुनियादी सवालों के परिचय के साथ ही भौतिकवादी दर्शन के विकास तथा उससे मार्क्सवाद के रिश्ते की शुरुआती समझ बन जाती है । एंगेल्स की ही लिखी किताबसमाजवाद: काल्पनिक और वैज्ञानिकभी मार्क्स से पहले के समाजवादी चिंतकों की खूबियों-खामियों का बेहतरीन विश्लेषण करती है और दर्शन के साथ ही मार्क्सवाद के एक और आयाम को खोलती है । किसी भी समाज के इतिहास में राजनीतिक हलचल के दौरान सामाजिक वर्गों की जीवंत गतिशील भूमिका को समझने के लिए मार्क्स की किताबलुई बोनापार्त की अठारहवीं ब्रूमेरबेहतरीन पाठ है । इसमें विभिन्न सामाजिक वर्ग, उनके राजनीतिक प्रतिनिधियों और उस वर्ग की राजनीतिक मांगों की अभिव्यक्ति का इतना जीवंत चित्रण हुआ है कि जिसे ऐतिहासिक भौतिकवाद कहा जाता है उसके सूत्र की जगह जीवंत बुनियादी तत्व पकड़ में आने लगते हैं । मार्क्स की पद्धति की जानकारी के लिएराजनीतिक अर्थशास्त्र की आलोचना में योगदानकी भूमिका देखना सबसे अच्छा होगा । उसमें संक्षेप तो है लेकिन उसके चलते ही खोलकर समझने की प्रक्रिया बेहद मजेदार हो जाती है । बहुत सारे व्यावहारिक सवालों के बारे मेंगोथा कार्यक्रम की आलोचनामें सूझ भरी बातें हैं । लेनिन की लिखी किताबकार्ल मार्क्स और उनकी शिक्षासे मार्क्सवाद की बुनियादी बातें स्पष्ट हो जाती हैं । इसके अतिरिक्त माओ केचीनी समाज में वर्गों का विश्लेषण’, ‘व्यवहार के बारे मेंतथाअंतर्विरोध के बारे मेंभी उपयोगी लेख हैं ।             

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