Friday, June 1, 2018

मार्क्स के आखिरी साल


                            जीवनक्रम: 1881-1883

1881

जनवरी से जून- इन महीनों में लंदन में मार्क्स ने एच मार्गन, जे मनी, जे फीयर और एच मेन की किताबों से संक्षेपण का कुछ काम पूरा किया जिसे उन्होंने 1880 के अंत में शुरू किया था इस सामग्री से भरी हुई एथनालाजिकल नोटबुक्स में लगभग 200 पृष्ठ हैं इसी दौरान वे मैथमेटिकल नोटबुक्स में डिफ़रेन्शियल कैलकुलस में भी उलझे रहे फ़रवरी के दूसरे हफ़्ते से लेकर 8 मार्च तक उन्होंने रूस के ग्रामीण कम्यून के सवाल पर वेरा जासूलिच को चिट्ठी के आरम्भिक मसौदे तैयार किए और आखिरकार चिट्ठी लिखी
जून के आखिरी हफ़्ते से लगभग 19 जुलाई तक- ईस्टबोर्न में पत्नी जेनी फ़ान वेस्टफालेन के साथ रहे
20 से 25 जुलाई लगभग- लंदन लौटे और फ़्रांस यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया  
26 जुलाई से 16 अगस्त- पेरिस के उपनगर आर्जेन्तियूल में बड़ी बेटी जेनी लांग्वे के यहां पत्नी और हेलेन देमुथ के साथ
17 अगस्त से 28 दिसंबर- लंदन वापसी इतिहास के गहन अध्ययन में डूब गए और एफ़ स्कलासेर तथा सी बोट्टा की किताबों से विस्तार से नोट लिए नतीजे के तौर पर क्रोनोलाजिकल एक्सट्रैक्ट्स तैयार हुआ जिसमें 550 से अधिक पृष्ठों में 91 ईसा पूर्व से लेकर 1648 की वेस्टफालिया संधि तक की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं को टिप्पणियों के साथ दर्ज किया गया था बीमार पत्नी की लगातार देखरेख के अलावे बचे हुए समय में रूस पर हाल में छपी किताबें देखीं और गणित का छूटा हुआ अध्ययन फिर से शुरू किया अक्टूबर मध्य के बाद से दो महीनों तक प्लूरेसी और ब्रांकाइटिस के हमले के चलते अशक्त रहे
2 दिसंबर- पत्नी का देहांत हुआ
29 से 31 दिसंबर- सबसे छोटी बेटी एलिनोर के साथ उचित जलवायु की खोज में वाइट द्वीप में वेन्टनोर की यात्रा

1882

1 से 15 जनवरी- वेन्टनोर में बने रहे
16 जनवरी से 8 फ़रवरी- प्रभावी इलाज हेतु डाक्टरों से सलाह मशविरे के लिए लंदन वापसी 21 जनवरी को मार्क्स एंगेल्स ने कम्यूनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र के रूसी संस्करण की भूमिका खत्म की
9 से 16 फ़रवरी- अल्जीरिया के लिए प्रस्थान एलिनोर के साथ ही आर्जेन्तियूल में रुककर बड़ी बेटी जेनी से मुलाकात की ।          
17 फ़रवरी- अकेले ही मार्क्स आगे चले फ़्रांस को पारकर एक रात मार्सेलीज में रुके
18-19 फ़रवरी- भाप की जहाज सईद पर अफ़्रीका चले अल्जीयर्स उतरे
20 फ़रवरी से 2 मई- अल्जीरिया की राजधानी में रुके जहां पुरानी ब्रोंकाइटिस और प्लूरेसी के हमले ने दो महीने लम्बे दर्दनाक इलाज के लिए मजबूर कर दिया
3-4 मई- सेहत में सुधार के चलते फ़्रांस होते हुए वापसी की यात्रा
5 मई- चौसठवें जन्मदिन पर मार्सेलीज उतरे और थोड़ी देर के लिए नीस गए
6 मई से 3 जून- सेहत फिर से खराब होने के कारण मोन्टे कार्लो में रुकना पड़ा और इलाज भी कराना पड़ा
4 से 7 जून- डाक्टर की सलाह पर मार्सेलीज से पेरिस की यात्रा से पहले थोड़े समय के लिए कान्स रुकना पड़ा
8 जून से 22 अगस्त- आर्जेन्तियूल में रुककर बड़ी बेटी जेनी से मुलाकात की । जुलाई प्रारम्भ से 20 अगस्त तक इंगिएन-ले-बेन्स में ताप चिकित्सा कराई ।
23 अगस्त से 27 सितंबर- बेटी लौरा के साथ स्विट्ज़रलैंड की यात्रा । लूसान में कुछ समय तक रहे फिर चार हफ़्ते तक जेनेवा झील के किनारे वेवी में रहे । वापसी यात्रा में जेनेवा रुके ।
28 सितंबर से 6 अक्टूबर- फ़्रांस लौटे । पेरिस में बेटी लौरा के पास रुके फिर आर्जेन्तियूल में रुककर बड़ी बेटी जेनी से मुलाकात की ।
7 अक्टूबर- इंग्लैंड की वापसी यात्रा ।
8 से 29 अक्टूबर- लंदन में तीन हफ़्ते रुककर अर्थशास्त्र, मानवशास्त्र और रूस से संबंधित किताबों से सामग्री संचय किया ।
30 अक्टूबर से 31 दिसंबर- वेन्टनोर में रुककर अपनी सेहत सुधारने और रुका काम शुरू करने की कठिन कोशिश की ।

1883

1 से 12 जनवरी- वेन्टनोर में ही रुके रहे जहां 12 को बड़ी बेटी जेनी के देहांत की खबर मिली ।
13 जनवरी से 13 मार्च- दुखी मन से तुरंत लंदन लौटे । फेफड़े में घाव के चलते तबीयत अचानक बेहद खराब हो गई । बची खुची ताकत के सहारे पुस्तक सूची देखते रहते और फ़्रांसिसी उपन्यास पढ़ते रहते ।
14 मार्च- हृदयगति रुक जाने से 41, मेटलैंड पार्क स्थित घर में देहान्त ।     

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