ठप सा पड़ा हुआ है
देश
आपात स्थिति
सिर्फ़ चलती है
थम गयी है हलचल
शोर बन्द है
शान्ति बन्दूक की नली से
निकलती है
कामरेड,
कहीं कुछ हो रहा है ?
मुझे निराश मत करो
कामरेड,
बताओ कहीं कुछ हो रहा है ?
यह पहाड़ हड्डी पसली एक करता है
फिर भी महंगू चुपचाप
ढो रहा है
क्या यही सच है कामरेड
कि विचार और क्रिया में
दूरी हमेशा बनी रहती है
कामरेड, कितना मुश्किल है सही होना
कहीं कुछ हो रहा है कामरेड !
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