Thursday, September 27, 2012

चिड़िया और दाना


         
एक चिड़िया को दाल का एक दाना मिला । उसने सोचा कि इसमें से आधा वह अभी खा लेगी और बाकी आधा चोंच में दबाकर दूर देस उड़कर जा सकेगी । यही सोचकर उसने दाने को चक्की में दो हिस्सा करने के लिए डाला । चक्की चलाते ही एक हिस्सा तो टूटकर बाहर आ गिरा लेकिन शेष आधा चक्की के खूँटे में फँसा रह गया । अब तो कोई खूँटे को चीरे तो दाना निकले और वह अपना सफर शुरू करे । पहले चिड़िया बढ़ई के पास गई । बोली
 बढ़ई बढ़ई खूँटा चीर खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
बढ़ई ने समय न होने का बहाना बनाकर इनकार कर दिया । तब चिड़िया राजा के पास गई । बोली
 राजा राजा बढ़ई डाँट बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
राजा ने कहा- जाओ तुम्हारे लिए मैं बढ़ई को नहीं डाँटूँगा । चिड़िया रानी के पास गई । बोली
 रानी रानी राजा छोड़ राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
रानी ने भी उसकी माँग की ओर ध्यान नहीं दिया और डाँटकर भगा दिया । चिड़िया साँप के पास गई । बोली
 सरप सरप रानी डँस रानी न राजा छोड़े
 राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
साँप को भी यह काम करने लायक नहीं लगा । फिर चिड़िया लाठी के पास गई । बोली
 लाठी लाठी सरप ठेठाव सरप न रानी डँसे
 रानी न राजा छोड़े
 राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
लाठी ने भी उसकी मदद करने से इनकार कर दिया । चिड़िया भाड़ के पास गई । बोली
 भाड़ भाड़ लाठी जार लाठी न सरप ठेठावे
 सरप न रानी डँसे
 रानी न राजा छोड़े
 राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
भाड़ को भी उसकी माँग नाजायज लगी । चिड़िया हाथी के पास गई । बोली
 हाथी हाथी भाड़ बुताव भाड़ न लाठी जारे
 लाठी न सरप ठेठावे
 सरप न रानी डँसे
 रानी न राजा छोड़े
 राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
हाथी भी इस काम के लिए तैयार न हुआ । चिड़िया भँवर के पास गई । बोली
 भँवर भँवर हाथी छान हाथी न भाड़ बुतावे
 भाड़ न लाठी जारे
 लाठी न सरप ठेठावे
 सरप न रानी डँसे
 रानी न राजा छोड़े
 राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
भँवर भी उसकी मदद करने से इनकार कर बैठा । हारकर चिड़िया पुराने दोस्त मूस के पास गई । बोली
 मूस मूस भँवर काट भँवर न हाथी छाने
 हाथी न भाड़ बुतावे
 भाड़ न लाठी जारे
 लाठी न सरप ठेठावे
 सरप न रानी डँसे
 रानी न राजा छोड़े
 राजा न बढ़ई डाँटे
 बढ़ई न खूँटा चीरे
 खूँटवे में दाल बा
 का खाईं का पीहीं का ले परदेस जाईं
आखिरकार चूहा उसकी मदद को राजी हो गया और चला भँवर को काटने । भँवर ने जब सुना तो बोला
 हमको काटो ओटो मत कोई
 हम हाथी छानब लोई
हाथी ने सुना तो बोला
 हमको छानो ओनो मत कोई
 हम भाड़ बुताइब लोई
भाड़ ने सुना तो बोला
 हमको बुताओ उताओ मत कोई
 हम लाठी जारब लोई
लाठी ने सुना तो बोली
 हमको जारो ओरो मत कोई
 हम सरप ठेठाइब लोई
साँप ने सुना तो बोला
 हमको ठेठाओ ओठाओ मत कोई
 हम रानी डँसब लोई
रानी ने सुना तो बोली
 हमको डँसो ओसो मत कोई
 हम राजा छोड़ब लोई
राजा ने सुना तो बोला
 हमको छोड़ो ओड़ो मत कोई
 हम बढ़ई डाँटब लोई
बढ़ई ने सुना तो बोला
 हमको डाँटो ओटो मत कोई
 हम खूँटा चीरब लोई
और बढ़ई ने खूँटा चीर दिया । चिड़िया ने दाना चोंच में दबाया और उड़ चली परदेस ।





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