tag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post1017635200014266846..comments2023-12-25T19:53:44.760-08:00Comments on ज़माने की रफ़्तार: जे एन यू की एक शामgopal pradhanhttp://www.blogger.com/profile/15365125111310550491noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-923069123109358322012-05-08T01:10:17.196-07:002012-05-08T01:10:17.196-07:00आप सबकी टिप्पणियों के लिए शुक्रिया ।आप सबकी टिप्पणियों के लिए शुक्रिया ।gopal pradhanhttps://www.blogger.com/profile/15365125111310550491noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-65796870997958022152012-04-27T01:55:12.990-07:002012-04-27T01:55:12.990-07:00आखिरी वाक्य को फिर से पढ़ें-
कविता में ही ऐसी inc...आखिरी वाक्य को फिर से पढ़ें-<br /><br />कविता में ही ऐसी inconsistency का निर्वहण संभव है।मनोजhttps://www.blogger.com/profile/00331551278069246905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-67970537187490019992012-04-27T01:47:59.086-07:002012-04-27T01:47:59.086-07:00बधाई ! कुल मिलाकर कविता अच्छी है,उस एक बिम्ब को छो...बधाई ! कुल मिलाकर कविता अच्छी है,उस एक बिम्ब को छोड़कर जिसकी बात समर ने भी की है।<br /><br />वैसे कविता तो आपके profile message में भी है- <br /><br />कम्युनिस्ट हूँ<br />थोड़ा... पुराने किस्म का<br /><br />अध्यापक हूँ पेशे से<br /><br />दोस्ती अच्छी लगती है <br />जल्दी ही बोझ बन जाता हूँ.....<br /><br />तनाव और विडम्बना बोध और वैसी ही लय गति। कम्यूनिस्ट तो नये समाज के स्वप्नदर्शी और निर्माणकर्ता होते हैं। उनका पुराना पड़ जाना conceptually inconsistent है। कविता में ही ऐसी inconsistency का निर्वाह कर सकती है।मनोजhttps://www.blogger.com/profile/00331551278069246905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-41597248565840145282012-04-27T00:39:54.107-07:002012-04-27T00:39:54.107-07:00विधवा की मांग सी सूनी सड़क? बिम्ब खटक रहा है सर. औ...विधवा की मांग सी सूनी सड़क? बिम्ब खटक रहा है सर. और फिर उसका रंगों से भर जाना! आप लोगों से सीखा है सो यह चीजें डराती हैं.Samarhttps://www.blogger.com/profile/02202610726259736704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-34855162227929798252012-04-27T00:27:36.442-07:002012-04-27T00:27:36.442-07:00वाह,गोपालजी!आप तो बहुत अच्छे कवि भी हैं! वाह!वाह,गोपालजी!आप तो बहुत अच्छे कवि भी हैं! वाह!अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.com