tag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post9145337501665999002..comments2023-12-25T19:53:44.760-08:00Comments on ज़माने की रफ़्तार: बल्ली भाई : एक कवि एक योद्धाgopal pradhanhttp://www.blogger.com/profile/15365125111310550491noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-17748402333752741492015-10-17T02:55:54.859-07:002015-10-17T02:55:54.859-07:00VaahVaahHareram Sameephttps://www.blogger.com/profile/05871741943763817438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4325961764913778009.post-84776023345483454872012-09-13T00:38:46.463-07:002012-09-13T00:38:46.463-07:00बल्ली सिंह चीमा सहज ही छा जाने वाले कवि हैं. जब उन...बल्ली सिंह चीमा सहज ही छा जाने वाले कवि हैं. जब उनकी कविता -<br />तय करो किस ओर हो तुम तय करो किस ओर हो.<br />सूट और लंगोटियों के बीच युद्ध होगा ज़रूर,<br />झोपड़ों और कोठियों के बीच युद्ध होगा ज़रूर,<br />इससे पहले युद्ध शुरू हो, तय करो किस ओर हो,<br />तय करो किस ओर हो तुम तय करो किस ओर हो.<br />तय करो किस ओर हो तुम तय करो किस ओर हो,<br />आदमी के पक्ष में हो या कि आदमखोर हो.<br />मैंने पढ़ी तो मुझे उनकी कविता की सहजता और ताकत का अंदाज लगा. उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में यह सही कहा था कि आज की कविता से तुक और लय का गायब होना कविता को आमलोगों से दूर ले गया है. जो पूंजीवादी साजिश का हिस्सा है...<br />आपकी टिप्पणी में उनका सही मूल्यांकन है..डॉ. रमाकान्त रायhttps://www.blogger.com/profile/09116808635021540672noreply@blogger.com